मित्रों बाल दिवस मनाना सिर्फ नेहरु जयंती और उनके महिमा मंडन करने ही नहीं है, अपितु उन गरीब असहाय बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लाना है जिनके चेहरे से हंसी और जीवन से  खुशियाँ रूठी  हुई हैं. जिस दिन हम उनमे से किसी एक बच्चे के चेहरे की ख़ुशी लौटा देंगे उस दिन सच्चे अर्थों में बाल दिवस मनाना हम सबके लिए सार्थक होगा.भूख से बिलखते  बच्चे, अशिक्षित,दुकानों, ढाबों, मिलों,कारखानों में काम करने वाले बच्चों के लिए ऐसे बाल दिवस का क्या मतलब???

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